Rajasthan govt has changed name of Indira Rasoi Yojana to Shri Annapurna Rasoi Yojana 2024: **मेरे प्यारे साथियों** आज हम आपको राजस्थान सरकार की श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना 2024 के बारे में बताएंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जी ने प्रदेश भर में अन्नपूर्ण रसोई योजना को लागू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा इंदिरा रसोई योजना का नाम स्व. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जी के नाम पर रखा गया था। पर अब प्रधान मंत्री मोदी के सुझाव पर नए चुने हुए राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल द्वारा मानव सेवा की ऐसी योजना का नाम बदल कर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना 2024 कर दिया गया है।
इस अन्नपूर्णा रसोई योजना पर हर साल 350 करोड़ रूपये से भी अधिक खर्च होगा। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में जरूरतमन्द लोगो को अब राज्य सरकार बहुत कम दामों पर दोनों समय का खाना मुहैया करवाएगी। तो आइए गरीबों को खाना देने के लिए भजन लाल सरकार की इस पहल से जुडी जानकारी हम आपको देते है।
राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना के अंतर्गत गरीबो को केवल 8 रूपये में बहुत कम दामों में साफ़, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है की इस योजना को सार्वजानिक सेवा, पारदर्शिता और जनभागीदारी की भावना के साथ लागु किया जाना चाहिए ताकि यह गरीबो को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक उदाहरण बन जाये।
इस अन्नपूर्णा रसोई योजना पर हर साल 350 करोड़ रूपये से भी अधिक खर्च होगा। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में जरूरतमन्द लोगो को अब राज्य सरकार बहुत कम दामों पर दोनों समय का खाना मुहैया करवाएगी। तो आइए गरीबों को खाना देने के लिए भजन लाल सरकार की इस पहल से जुडी जानकारी हम आपको देते है।
श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना in Rajasthan Budget 2024-25
हमने जरूरतमंद व्यक्तियों को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने की दृष्टि से, पूर्व में दिये जा रहे 450 ग्राम भोजन की मात्रा को बढ़ाकर श्री अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से 600 ग्राम भोजन देने का निर्णय किया है। इस हेतु प्रति थाली राजकीय सहायता 17 रुपये से बढ़ाकर 22 रुपये की गयी है। इस योजना के लिए लगभग 350 करोड़ (तीन सौ पचास करोड़) रुपये वार्षिक व्यय होगा।Rajasthan Shri Annapurna Rasoi Yojana 2024 - पूरी जानकारी
श्री अन्नपूर्णा रसोई एक ऐसी योजना है जिसके माध्यम से राज्य के गरीब एवं निर्धन लोगो को महज 8 रुपए में ही दो समय का खाना मुहैया कराया जाएगा। यह इंदिरा रसोई योजना जैसी योजना है। इस स्कीम में वैन या वाहनों के माध्यम से खाना नहीं दिया जाएगा, बल्कि यह योजना स्थायी रसोई से चलाई जाएगी। यहाँ लोगो के बैठने की भी व्यवस्था की जाएगी। राजस्थान के वह लोग जो दिन की कमाई से पेट भी सही तरह से नहीं पाल पाते, या ऐसे लोग जो मजदूरी करने के लिए किसी और राज्य रहते है और अपने खाने की व्यवस्था नहीं कर पाते, उनके लिए राजस्थान सरकार ने इस बेहतरीन योजना का निर्माण किया है।
श्री भजन लाल शर्मा, माननीय मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार द्वारा "कोई भी भूखा नहीं सोए" के संकल्प को पूरा करने के लिए अन्नपूर्णा रसोईयों के माध्यम से गरीबों को खाना दिया जाएगा। इस योजना का नाम श्री अन्नपूर्णा माता (पार्वती जी) के नाम पर रखा गया है, जिनको गरीबों और वंचितों द्वारा भोजन की देवी माना जाता है।
राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना के अंतर्गत गरीबो को केवल 8 रूपये में बहुत कम दामों में साफ़, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है की इस योजना को सार्वजानिक सेवा, पारदर्शिता और जनभागीदारी की भावना के साथ लागु किया जाना चाहिए ताकि यह गरीबो को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक उदाहरण बन जाये।
राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना की मुख्य विशेषताएं
- लाभार्थी को 8 रूपये में शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन
- सम्मानपूर्वक एक स्थान पर बैठाकर भोजन व्यवस्था
- राज्य सरकार द्वारा 22 रूपये प्रति थाली अनुदान
- योजना हेतु प्रतिवर्ष 350 करोड रूपये का प्रावधान
- प्रतिदिन 2.30 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 9.25 करोड़ लोगां को लाभान्वित करने का लक्ष्य। आवश्यकता के अनुरूप इसे और बढ़ाया जा सकता है।
- स्थानीय संस्थाओं के सेवाभाव एवं सहयोग से रसोईयों का संचालन
- भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 150 ग्राम दाल, 150 ग्राम सब्जी, 300 ग्राम चपाती एवं आचार सम्मिलित है।
- विकेन्द्रित स्वरूप - जिला स्तरीय समिति को आवश्यकतानुरूप स्थान, मैन्यू व भोजन समय के चयन की स्वतंत्रता
- रियल-टाइम ऑनलाइन मोनेटरिंग एस.एम.एस गेटवे से लाभार्थी को सूचना एवं फिडबैक सुविधा
- प्रत्येक रसोई संचालन हेतु एकमुश्त 5 लाख रुपये आधारभूत एवं 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष आवर्ती व्यय का प्रावधान
- राज्य/जिला स्तरीय समिति द्वारा निरीक्षण व गुणवत्ता जाँच
- सामान्यतः दोपहर का भोजन प्रातः 8:30 बजे से मध्यान्ह 3:00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सांयकाल 5:00 बजे से 9:00 बजे तक उपलब्ध कराया जायेगा।
- आवश्यकतानुसार एक्शटेन्शन काउंटर द्वारा भोजन वितरण किया जायेगा।
राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना प्रशासनिक व्यवस्था
- राज्य/जिला स्तरीय प्रबन्धन व मोनेटरिंग समिति का गठन
- स्थानीय संख्याओं को चयन में प्राथमिकता
- योजना की स्थायी एजेण्डा के माध्यम से नियमित समीक्षा
राजस्थान श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना की संख्या
- नगर निगम - 200 थाली दोपहर व 200 थाली रात्रि भोजन
- नगर परिषद् - 100 थाली दोपहर व 100 थाली रात्रि भोजन
- नगर पालिका - 100 थाली दोपहर व 100 थाली रात्रि भोजन
श्री अन्नपूर्णा रसोइयों की संख्या
क्षेत्र | संख्या | रसोई |
नगर निगम | 10 | 261 |
नगर परिषद् | 36 | 311 |
नगर पालिका | 194 | 428 |
योग | 240 | 1000 |
राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना में आपकी सहभागिता
इस योजना में व्यक्ति/संस्था/कॉर्पोरेट/फर्म आर्थिक सहयोग भी कर सकती है। दान/सहयोग मुख्यमंत्री सहायता कोष अथवा रजिस्टर्ड जिला स्तरीय अन्नपूर्णा रसोई के बैंक खाते में ही किया जा सकेगा। औद्यौगिक/व्यापारिक संस्थान सीएसआर फण्ड से सहयोग कर सकते हैं तथा ये संस्थान एक या अधिक अन्नपूर्णा रसोई के संपूर्ण सचालन का जनसहभागिता के आधार पर उत्तरदायित्व ले सकते है।रसोई में आप अपने परिजनों की वर्षगांठ, जन्मदिवस या अन्य किसी उपलक्ष्य में दोपहर/रात्रि या दोनों समय का भोजन प्रायोजित कर सकते हैं, आगंतुकां के लिए प्रायोजित भोजन प्रायोजित सीमा तक निःशुल्क उपलब्ध रहेगा। आपके प्रायोजित भोजन का प्रदर्शन डिस्प्ले बोर्ड पर किया जा सकेगा कि ‘‘आज का भोजन श्री .......... द्वारा ............................... कारण से प्रायोजित है।” प्रायोजक व्यक्ति लागत राशि का भुगतान संबंधित बैंक खाते में किया जाएगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है की "कोई भी भूखा न सोए" संकल्प के तहत गरीब लोगो को दो समय का खाना रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा, इस संकल्प को साकार करने को दिशा में भजन लाल सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। यह खाना वैन या गाड़ियों के बजाय स्थायी दुकानों पर उपलब्ध करवाया जायेगा। इस योजना के संचालन में सेवा उन्मुख संस्थानों और स्वेच्छिक संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना का उद्देश्य
देश में हर साल भुखमरी से ना जाने कितने ही लोगो की मौत हो जाती है, ऐसे ही आंकड़े राजस्थान के भी है। यहां भी भुखमरी के चलते बहुत से लोगो की मौत हो जाती है। यह लोग या तो काम-काज ना होने की वजह से खाने-पीने की चीजों की व्यवस्था भी नहीं कर पाते या फिर उनके पास इतना काम नहीं होता की वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सके। राजस्थान सरकार ने इस तरह के लोगो को दो समय का खाना कम दाम पर मिल जाए और किसी को खाना ना मिलने की वजह से उसकी मौत न हो जाए इसलिए इस योजना को शुरू किया गया है।इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है की "कोई भी भूखा न सोए" संकल्प के तहत गरीब लोगो को दो समय का खाना रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा, इस संकल्प को साकार करने को दिशा में भजन लाल सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। यह खाना वैन या गाड़ियों के बजाय स्थायी दुकानों पर उपलब्ध करवाया जायेगा। इस योजना के संचालन में सेवा उन्मुख संस्थानों और स्वेच्छिक संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
अन्नपूर्णा रसोई योजना के लाभ
अन्नपूर्णा रसोई योजना राजस्थान के मुख्य लाभ इस प्रकार हैं:-- इस योजना के माध्यम से राज्य के लोगो को कम दामों पर भोजन मिल जाएगा।
- इस योजना से लोगो को खड़े होकर खाना खाने की कोई जरूरत नहीं होगी बल्कि वह आराम से बैठ कर सम्मान से खाना दिया जाएगा।
- दिन का 100 रुपए या उससे भी कम कमाने वाला व्यक्ति महज 16 रुपए में दो समय का खाना खा पाएगा।
- भोजन के लिए व्यक्ति को केवल एक समय में 8 रुपए ही देने होंगे।
इस योजना के सुचारु रूप से लागू होने के बाद राज्य में भोजन ना मिलने की वजह से किसी की मौत भी नहीं होगी।
मुख्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1) श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना किस राज्य द्वारा लागू की गयी है?
यह योजना राजस्थान सरकार द्वारा लागू की गयी है।
2) राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना से क्या लाभ होगा?
अन्नपूर्णा रसोई योजना के जरिय गरीब एवं निर्धन लोगो को बहुत कम दामों पर खाना मुहैया कराया जाएगा।
3) एक प्लेट भोजन के लिए कितने पैसे देने होंगे?
इस स्कीम में एक प्लेट की कीमत 30 रु है और सरकार द्वारा 22 रु की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, लाभार्थी को केवल 8 रु हर प्लेट के रूप में भोजन मिलेगा।
यह योजना राजस्थान सरकार द्वारा लागू की गयी है।
2) राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना से क्या लाभ होगा?
अन्नपूर्णा रसोई योजना के जरिय गरीब एवं निर्धन लोगो को बहुत कम दामों पर खाना मुहैया कराया जाएगा।
3) एक प्लेट भोजन के लिए कितने पैसे देने होंगे?
इस स्कीम में एक प्लेट की कीमत 30 रु है और सरकार द्वारा 22 रु की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, लाभार्थी को केवल 8 रु हर प्लेट के रूप में भोजन मिलेगा।
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