**मेरे प्यारे साथियो** आज हम आपको केंद्र सरकार की सम्पूर्ण ग्रामीण जवाहर रोज़गार योजना (Sampurn Gramin Jawahar Rozgar Yojana) के बारे में बताएंगे। जवाहर रोज़गार योजना 1 अप्रैल 1989 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार कार्यक्रम और ग्रामीण भूमिहीन रोजगार कार्यक्रम योजना की शुरुआत की गयी थी। ग्रामीण और सबसे पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले लोगो को 90 से 100 दिनों के रोजगार उपलब्ध कराने के मुख्य उद्देश्य के लिए यह योजना देश में सबसे बड़ी काम-काज पैदा करने का कार्यक्रम है। जवाहर रोजगार योजना को ग्रामीण स्तर पर लागू किया गया। यह योजना गरीबो को अनाज और काम-काज देने के लिए शुरू की गयी थी। तो आइए इस योजना से जुडी विस्तृत जानकारी जैसे की क्या है यह योजना, उद्देश्य, लाभ, स्त्रोत के बारे में हम आपको बताएंगे।
सम्पूर्ण ग्रामीण जवाहर रोज़गार योजना ग्रामीण विकास के लिए शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य पंचायती राज सस्थाओं के माध्यम से हर गांव को कवर करना और हर व्यक्ति को रोज़गार देना है ताकि हर व्यक्ति को अपने और अपने परिवार को खुशाल बना सके। इस योजना के तहत जो भी लोग गरीबी रेखा से नीचे आते है उन लोगो को सुविधा प्रदान की जाएगी। सम्पूर्ण ग्रामीण रोज़गार योजना के तहत गरीबो को अच्छा रोज़गार देने का प्रावधान दिया जाएगा।
सम्पूर्ण ग्रामीण जवाहर रोज़गार योजना 2024 - पूरी जानकारी
JRY का भारत में बीपीएल जनता को लक्षित करना है। यह भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय रोज़गार कार्यक्रम है। हाल ही में वित्त मंत्री ने पिछड़े वर्ग के लिए और बीपीएल श्रेणी की रेखा के लिए जवाहर काम-काज स्कीम 2024 की घोषणा की थी, अब इस योजना को जवाहर लाल नेहरू रोज़गार योजना के नाम से जाना जाता है। अब इसका नाम JRY है।
सम्पूर्ण ग्रामीण जवाहर रोज़गार योजना के मुख्य उद्देश्य
इस योजना में बेरोज़गार युवाओ के लिए अतिरिक्त कार्यक्रम तैयार करना है। जवाहर रोज़गार योजना में भारत के बीपीएल जनता को लक्षित करना है। यह भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय रोज़गार कार्यक्रम (NEPI) उस समय है जब पिछड़े जिलों में प्रति व्यक्ति 90-100 दिन का रोज़गार है।
जवाहर रोजगार योजना (JRY) योजना के लाभ
- बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी को लक्षित करने के लिए सहायक है।
- यह योजना एससी और एसटी वर्ग के लिए लाभदायक है।
- महिलाओ के लिए सहायक 30% लाभार्थी महिलाये है।
- इस योजना की एक पंचवर्षीय योजना है - लाभार्थियों /परिवारों के अंतर्गत यह योजना है।
- इस योजना में युवाओ के लिए काम-काज रोज़गार कार्यक्रम है।
- यह योजना ग्रामीण विकास के लिए शुरू की गयी है।
गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगो को नौकरियों का प्रावधान
सम्पूर्ण ग्रामीण रोज़गार स्कीम की शुरुआत 25 सितम्बर 2001 को शुरू की गयी थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाके में रहने वाले गरीबो को गरीबी रेखा से ऊपर उठाना है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को रोज़गार दिया जाता है। Sampurn Gramin Jawahar Rozgar Yojana के तहत जाति,अनुसूचित जनजाति और विशेष तौर महिलाओ को जोखिम भरे कामो से हटाना है,ताकि उनका जीवन सुखमय और खुशहाल बन सके। इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगो को बढ़िया और जल्दी काम दिया जाएगा। बीपीएल श्रेणी के लोगो नौकरियां भी दी जाएगी।
सम्पूर्ण ग्रामीण जवाहर रोज़गार योजना की आवश्यकता
भारत एक बहुत ही बड़ा जनसंख्या वाला देश है तथा बेरोज़गारी एक बहुत ही बड़ी समस्या भारत के लिए बन चुकी है।ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार कार्यक्रम और ग्रामीण भूमिहीन रोज़गार गारेंटी कार्यक्रम को एक कार्यक्रम में मिला दिया जाएगा। इस योजना को केंद्र और राज्यों के बीच 80 % (केंद्रीय शासन) और 20 % (राज्य सरकार) के बटवारे के साथ लागु किया जाएगा।
इस दशा में भारत सरकार ने एक नई योजना देश के युवाओ के सामने रखी है जिसका नाम Sampurn Gramin Jawahar Rozgar Yojana रखा गया। पंचायती राज संस्थाओ को एक कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी गयी और इस JRY योजना का निर्माण किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने पिछड़े वर्ग के लिए और बीपीएल श्रेणी की रेखा के लिए JRY योजना में बजट वर्ष प्रदान किया। इस योजना के तहत युवाओ को रोज़गार देने और प्रोत्साहन के लिए बढ़ावा मिलेगा तथा वे अपनी जीवन स्तर को बेहतर बना पाएंगे।
इस योजना की एक पंचवर्षीय योजना है - लाभार्थी /परिवारों के तहत IRDP (एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम) ,एसजीएसवाई (स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना), JRY (जवाहर रोज़गार योजना), JGSY (जवाहर ग्राम समृद्धि योजना), EAS (रोज़गार आश्वासन योजना).
सम्पूर्ण ग्रामीण जवाहर रोज़गार योजना स्ट्रीम (धारा)
पहला स्त्रोत - JRY के तहत हर साल 75% बजट आवंटन प्राप्त हुआ और यह स्त्रोत मुख्य रूप से JRY, मिलियन वेल्स और इंदिरा आवास योजना की दिशा में काम कर रही है। इनमे से मिलियन वेल्स योजना को 30% और इंदिरा आवास योजना को धन का 10% आवंटन मिला।दूसरा स्त्रोत - इसे हर साल 20% बजट का आवंटन प्राप्त हुआ और इसे काफी तेज स्त्रोत माना जाता है। इस स्त्रोत ने 120 अत्यंत पिछड़े जिलों को लाभ प्रदान किया है।
तीसरा स्त्रोत - यह कार्यक्रम की अंतिम स्ट्रीम है इसने हर साल शेष 5% बजट आवंटन प्राप्त किया और विशिष्ट अभिनव योजनाओ पर ध्यान केंद्रित किया गया जैसे की श्रम प्रवास का नियंत्रण, सूखे के सबूत के साथ वाटरशेड का निर्माण करना आदि।